मुंबई, 13 जनवरी (भाषा) ऑनलाइन ऋण वितरण से संबंधित उत्पीड़न की बढ़ती घटनाओं के बीच, भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बुधवार को डिजिटल ऋण वितरण की सुव्यवस्थित वृद्धि को बढ़ावा देने के उपाय सुझाने के लिए एक कार्य समूह का गठन किया। आरबीआई ने कहा कि हाल में ऑनलाइन ऋण देने वाले मंचों और ऐप की लोकप्रियता बढ़ने के साथ ही कुछ गंभीर चिंताएं पैदा हुई हैं। केंद्रीय बैंक ने कहा, ‘‘इसके मद्देनजर विनियमित वित्तीय क्षेत्र के साथ ही अनियमित वित्तीय क्षेत्र में डिजिटल ऋण वितरण की गतिविधियों के सभी पहलुओं का अध्ययन करने के लिए एक कार्य समूह की स्थापना की जा रही है, ताकि केंद्रीय बैंक को एक उचित नियामक दृष्टिकोण मिल सके।’’ कार्य समूह की अध्यक्षता आरबीआई के कार्यकारी निदेशक जयंत कुमार दास करेंगे, और इसमें आंतरिक तथा बाहरी सदस्य शामिल होंगे तथा तीन महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट देंगे। कार्य समूह में आंतरिक सदस्य हैं- अजय कुमार चौधरी, पी वासुदेवन और मनोरंजन मिश्रा, जबकि बाहरी सदस्य के रूप में विक्रम मेहता (सह-संस्थापक, मोनेक्सो फिनटेक) और राहुल ससी (साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ और क्लाउडएसईके के संस्थापक) शामिल हैं। आरबीआई ने कहा कि, वित्तीय क्षेत्र में डिजिटल पहुंच एक स्वागत योग्य कदम है, लेकिन इस तरह के प्रयासों में कुछ फायदे और कुछ जोखिम अक्सर होते हैं। केंद्रीय बैंक ने कहा कि ऐसे में एक संतुलित नजरिया अपनाने की जरूरत है, ताकि नियामक ढांचा नवाचार को बढ़ावा दे सके तथा साथ ही डेटा सुरक्षा, गोपनीयता और उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा भी सुनिश्चित करे।