बदायूं के जिलाधिकारी कुमार प्रशांत ने बताया, ‘वन्य एवं जलीय जीव जंतुओं के संरक्षण के लिए वन विभाग व डब्ल्यूडब्ल्यूएफ की टीम ने सहसवान के मालपुर ततैरा से अटैना गंगा घाट तक दिसम्बर में सर्वे किया था। सर्वे के दौरान कछला गंगा घाट से अटैना गंगा घाट तक नौ जगह डॉल्फिन देखीं गईं। दोनों टीमों ने इसके अलावा गंगा नदी में जगह- जगह रुककर देखा कि कौन- कौन से जलीय जीव है जिन के संरक्षण के लिए काम किया जा सकता है।’
डॉल्फिन के लिए संरक्षण केंद्र बनाने की होगी कवायदडॉल्फिन का देखा जाना जिले के लिए एक अच्छी खबर है। डीएम ने बताया कि अब डॉल्फिन को संरक्षित करने व संरक्षण केंद्र बनाने के लिए जिला प्रशासन ने कवायद शुरू कर दी है। जिला प्रशासन का कहना है कि यहां डब्लूडब्लूएफ की रिपोर्ट मिलने के बाद प्रोजेक्ट तैयार कर शासन को भेजा जाएगा और जल्दी डॉल्फिन के संरक्षण के लिए काम शुरू कर दिया जाएगा।