बिहार के भागलपुर (Firing in Bhagalpur) में बेखौफ बदमाश ने पुलिस को खुली चुनौती देते हुए एक युवक को गोली मार दी। फायरिंग में घायल शख्स का इलाज अस्पताल में चल रहा है। घटना के बाद पुलिस () की ओर से अभी तक आरोपी पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है। वहीं फायरिंग की वारदात के बीच जेडीयू के विधायक गोपाल मंडल () का अजीब बयान सामने आया। उन्होंने कहा कि उन्होंने कहा कि गोली मारना कोई अपराध नहीं है, बल्कि सरेराह छेड़खानी करना अपराध है। दियारा इलाके में हत्या आम बात है।
अस्पताल में चल रहा फायरिंग में घायल शख्स का इलाजदरअसल, पूरा मामला रंगरा थाना क्षेत्र के मदरौनी इलाके का है, जहां देर रात अपराधी निशांत शराब के नशे में धुत होकर हंगामा कर रहा था। इसी बीच मनीष नाम के युवक ने सुशासन राज की दुहाई देते हुए उसे ऐसा करने से मना किया। इससे नाराज अपराधी निशांत ने मनीष को गोली मार दी। परिजनों ने बताया कि घायल अवस्था में मनीष को पहले नवगछिया अनुमंडल अस्पताल में भर्ती करवाया गया। हालांकि, स्थिति बेहद नाजुक होने के कारण डॉक्टरों ने मनीष को बेहतर इलाज के लिए जवाहर लाल नेहरू चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल में रेफर कर दिया है। अब वहीं उनका इलाज जारी है।
जेडीयू विधायक गोपाल मंडल बोले- गोली मारना अपराध नहीं
नवगछिया समेत पूरे भागलपुर में बिगड़ती कानून व्यवस्था से पुलिस पर सवाल खड़े हो रहे हैं। वहीं गोपालपुर से जेडीयू विधायक गोपाल मंडल ने बेहद ही गैर जिम्मेदाराना बयान दिया है। उन्होंने कहा कि गोली मारना कोई अपराध नहीं है। बल्कि सरेराह छेड़खानी करना अपराध है। उन्होंने कहा कि दियारा इलाके में हत्या आम बात है। हत्या को रोका नहीं जा सकता है। पंद्रह साल पहले भले ही कानून व्यवस्था ध्वस्त थी, लेकिन मौजूदा दौर में सुशासन राज की झलकियां साफ-साफ दिखाई दे रही हैं।
नए एसपी भी अपराधियों के आगे लाचार
भागलपुर के तत्कालीन सिटी एसपी सुशांत कुमार सरोज को पिछले दिनों ही पुलिस जिला नवगछिया में एसपी की नई जिम्मेवारी सौंपी गई है। एसपी सरोज भले ही भागलपुर में कई अपराधिक मामलों का उद्दभेदन करने में सफल रहे हैं, लेकिन नवगछिया में अपराधियों के सामने वह भी मजबूर दिख रहे हैं। शायद वह अपराधियों से खुद सुधरने की मिन्नतें कर रहे हैं या फिर उन्होंने अपराधियों के समक्ष हथियार डाल दिया है। इस घटनाक्रम के बाद स्थानीय लोगों की मानें तो नवगछिया में जंगलराज का वही पुराना दौर लौट आया है जहां अपराधी वारदात को अंजाम देने के लिए रात का इंतजार नहीं करते थे।