Rupesh Singh murder case : बीजेपी सांसद विवेक ठाकुर ने जताया शक – कही प्रायोजित तो नही हैं बिहार में होने वाली आपराधिक घटनाएं ?

नीलकमल, पटना
पटना के जयप्रकाश नारायण अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा पर ‘इंडिगो’ के स्टेशन मैनेजर रूपेश सिंह की हत्या ने पुलिस प्रशासन और सरकार की कार्यशैली पर बड़ा प्रश्नवाचक चिन्ह लगा दिया है। हालांकि रूपेश सिंह हत्याकांड की जांच पुलिस द्वारा की जा रही है। लेकिन बीजेपी सांसद विवेक ठाकुर ने यह कह कर चौंका दिया अगर इनके अंदर रुपेश के हत्यारे सामने नहीं आए तो सरकार को रुपेश हत्याकांड की जांच सीबीआई से करानी चाहिए। इसके अलावा उन्होंने यह भी आशंका जताई कि हाल के दिनों में हो रहे अपराध कहीं प्रायोजित तो नहीं। सबसे पहले आप सुनिए बीजेपी सांसद विवेक ठाकुर ने क्या कहा।

कैसे हुई रूपेश सिंह की हत्या
इंडिगो के स्टेशन हेड रूपेश सिंह की हत्या उस वक्त की गई जब वह एयरपोर्ट से पटना के साथ शास्त्री नगर थाना अंतर्गत अपने आवास पहुंच चुके थे। अपार्टमेंट का गेट बंद होने की वजह से उन्होंने अपनी गाड़ी बाहर ही खड़ी की थी और गेट खोले जाने का इंतजार कर रहे थे। तभी संभवत पहले से ही घात लगाए बाइक सवार दो अपराधियों ने उन पर ताबड़तोड़ गोलियां चलानी शुरू कर दी। गोली चलने की आवाज सुना आस पड़ोस के लोग वहां पहुंचे तो उन्होंने रूपेश को कार की ड्राइविंग सीट पर खून से लथपथ पाया। आनन-फानन में पुलिस को इसकी सूचना देने के बाद पड़ोस को ही लोग उन्हें पास के ही पारस अस्पताल ले गए जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

रुपेश हत्याकांड की जांच के लिए पुलिस ने बनाई दो टीम
मुख्यमंत्री आवास से महज 2 किलोमीटर की दूरी पर रहने वाले इंडिगो के स्टेशन मैनेजर रूपेश सिंह की हत्या कर, अपराधियों ने पटना पुलिस के साथ बिहार सरकार को भी बड़ी चुनौती दी है। बताया जाता है कि पुलिस ने भी चुनौती को स्वीकार करते हुए अपराधियों की जल्द धरपकड़ के लिए दो टीम का गठन किया है। रुपेश हत्याकांड की जांच और अपराधियों को पकड़ने के लिए पुलिस में स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) और स्पेशल टास्क फोर्स (STF) का गठन किया है।

पटना में हाई प्रोफाइल मर्डर से राजनीतिक माहौल भी हुआ गर्म
मंगलवार की शाम हुए रूपेश सिंह की हत्या के बाद बिहार में विपक्षी दल के नेता फिर से नीतीश सरकार पर हमलावर हो गए हैं। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने ट्वीट कर कहा कि बिहार में सत्ता संरक्षित अपराधी ही वारदात को अंजाम दे रहे हैं। उन्होंने नीतीश सरकार के सुशासन पर सवाल उठाते हुए मुख्यमंत्री से इस्तीफा तक देने की बात कह डाली है।
वहीं कांग्रेस ने भी बिहार में बढ़ते अपराध के लिए सीधे तौर पर मुख्यमंत्री को जिम्मेवार ठहराया है।

तेजस्वी यादव ने कहा, कहां है जंगलराज का युवराज कहने वाले प्रधानमंत्री
आरजेडी नेता और बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने आज प्रेस वार्ता आयोजित कर नीतीश कुमार के शासन पर एक बार फिर हमला बोला है। तेजस्वी यादव ने कहा कि नीतीश कुमार खुद कह रहे हैं कि उन्हें जबरदस्ती मुख्यमंत्री बनाया गया है। ऐसे में उनसे सुशासन की उम्मीद कैसे की जा सकती है। तेजस्वी यादव ने यह भी कहा कि चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें जंगलराज का युवराज कहा था। तेजस्वी यादव ने कहा कि आज कहां है प्रधानमंत्री और अब बिहार के बारे में वह क्या कहेंगे। तेजस्वी यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री जी को तो अब जबरदस्ती बनाए गए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से सवाल करना चाहिए।

बीजेपी सांसद ने अपराधियों के एनकाउंटर की बात कही, तो जेडीयू ने नसीहत ना देने की कही बात
रूपेश सिंह के पैतृक आवास पर श्रद्धांजलि देने पहुंचे बीजेपी सांसद जनार्दन सिंह सिग्रीवाल ने घटना को दुखद बताते हुए कहा कि अब वक्त आ गया है कि अपराधियों को भी पकड़कर बीच चौराहे पर गोली मार देनी चाहिए। उन्होंने कहा कि जब तक अपराधियों का एनकाउंटर नहीं होगा अपराधी बेखौफ रहेंगे। बीजेपी सांसद के इस बयान के बाद जेडीयू नेता संजय सिंह ने कहा कि नीतीश कुमार को पता है कि अपराध नियंत्रण किस प्रकार किया जाता है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को अपराध नियंत्रण के लिए किसी के सलाह की जरूरत नहीं है।

पुलिस का दावा, जल्द होगा हत्याकांड का खुलासा
पटना में हाई प्रोफाइल मर्डर के बाद गर्म हुई सियासत के बीच पुलिस चुपचाप हत्यारों की तलाश में जुटी हुई है। एडीजी हेडक्वार्टर अमित कुमार ने कहा कि अपराधी जल्द ही पुलिस के चंगुल में होंगे। बता दें कि रुपेश के हत्यारों की पहचान के लिए पटना पुलिस द्वारा एयरपोर्ट से रुपेश के घर तक के सारे सीसीटीवी फुटेज खंगाल रही है। पुलिस के सूत्रों ने बताया कि बिना रेकी किए अपराधियों ने इस घटना को अंजाम नहीं दिया होगा। लिहाजा संभव है कि किसी न किसी सीसीटीवी में अपराधियों की तस्वीर कैद हुई होगी। बता दें कि मृतक रूपेश सिंह जिस अपार्टमेंट में रहते थे वह गली आगे बंद हो जाती है। जाहिर है वारदात को अंजाम देकर अपराधी वापस उसी रास्ते से लौटे होंगे।

क्या 2005 की तरह नीतीश कुमार दिखाएंगे अपने तेवर
बिहार विधानसभा चुनाव 2020 जीतने के बाद नीतीश कुमार ने बिहार के सातवीं बार मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली है। बिहार के मुख्यमंत्री हमेशा यह कहते रहे हैं कि उनकी सरकार और वह क्राइम, करप्शन और कम्युनलिज्म पर कभी समझौता नहीं करेंगे। 2005 में जब नीतीश कुमार ने बिहार की सत्ता संभाली थी तब सूबे में अपराध अपने चरम पर था। लेकिन नीतीश कुमार के शासनकाल में अपराधियों को बिहार से या तो भागना पड़ा था या फिर उनका एनकाउंटर कर दिया गया था। लिहाजा बिहार का क्राइम ग्राफ अचानक से काफी नीचे आ गया था।

2010 में बिहार की जनता ने जताया था नीतीश के सुशासन पर भरोसा
क्राईम कंट्रोल की वजह से ही 2005 के पहले अपराध से त्रस्त बिहार की जनता को नीतीश सरकार में अपराधियों से मुक्ति मिली थी। इसी वजह से बिहार की जनता ने 2010 के चुनाव में 243 में से 206 सीटें एनडीए को देकर नीतीश कुमार के सुशासन पर भरोसा जताया था। 2020 में भी बिहार की जनता ने इसी उम्मीद से एनडीए की सरकार तो फिर सत्ता संभालने का मौका दिया है ताकि बिहार में सुशासन कायम रख सके। लेकिन हाल में घटित अपराधिक घटनाओं की बात की जाए तो यह लगता है कि बिहार में एक बार फिर अपराधियों ने अपना सर उठा लिया है। इतना ही नहीं अपराधियों के मन से पुलिस प्रशासन का भय समाप्त हो चुका है और वह बड़े घटनाओं को अंजाम देकर आराम से निकल भागने में सफल भी हो रहे हैं। ऐसे में लोगों के बीच यह चर्चा भी बहुत बड़ी तेजी से हो रही है कि नीतीश कुमार एक बार फिर से 2005 वाले तेवर में आए और बिहार से अपराधियों का खात्मा करें।

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