US में सियासी संकट: डोनाल्ड ट्रंप बने दो बार महाभियोग झेलने वाले पहले अमेरिकी राष्ट्रपति, छोड़ना पड़ेगा पद!

वॉशिंगटनडोनाल्ड ट्रंप बुधवार देर रात महाभियोग झेलने वाले अमेरिका के पहले राष्ट्रपति बन गए हैं। डेमोक्रेटिक पार्टी के दबदबे वाली प्रतिनिधि सभा ने कैपिटल बिल्डिंग में हिंसा मामले में ट्रंप के महाभियोग प्रस्ताव पर अपनी मुहर लगा दी है। हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव में वोटिंग के दौरान ट्रंप के महाभियोग प्रस्ताव पर पक्ष में 232 और विपक्ष में 197 वोट पड़े। प्रस्ताव के पक्ष में वोट करने वालों में 222 डेमोक्रेट्स सांसद रहे, जबकि 10 रिपब्लिकन रहे। महाभियोग के लिए 218 मतों की जरूरत होती है।

तो छोड़ना पड़ेगा समय से पहले पद
इसके साथ ही अमेरिका में सियासी संकट गहरा गया है। अब सबकी निगाहें सीनेट पर हैं। अगर महाभियोग का प्रस्ताव सीनेट में भी पास हो जाता है तो डोनाल्ड ट्रंप को तय समय से पहले ही राष्ट्रपति का पद छोड़ना होगा। सीनेट में महाभियोग प्रस्ताव पारित पास कराने के लिए दो तिहाई सदस्यों के मतों की आवश्यकता होगी। हालांकि, सीनेट में रिपब्लिकन नेताओं के पास 50 के मुकाबले 51 का मामूली अंतर से बहुमत है। ऐसे में प्रस्ताव पास कराना थोड़ा मुश्किल दिख रहा है, लेकिन यह नहीं भूलना चाहिए कि कई रिपब्लिकन भी ट्रंप के खिलाफ हैं।

2019 में भी चला था महाभियोगअमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर इससे पहले 2019 में भी महाभियोग चलाया गया था। हालांकि, फरवरी 2020 में डोनाल्ड ट्रंप के सहयोगियों रिपब्लिकन के बहुमत वाले सीनेट ने शक्ति के दुरुपयोग के आरोप को 52-48 के अंतर से खारिज कर दिया था। डोनाल्ड ट्रंप महाभियोग का आरोप लगने के बावजूद दोबारा राष्ट्रपति चुनाव लड़ने वाले पहले व्यक्ति हैं।

ट्रंप ने हिंसा नहीं करने की अपील की
इससे पहले बहस के दौरान राष्ट्रपति ट्रंप ने वाइट हाउस की ओर से जारी बयान में लोगों से अपील की थी कि देश में अब कोई हिंसा नहीं होनी चाहिए। कोई भी कानून तोड़ने वाला काम नहीं होना चाहिए। यह वह नहीं है जिसका मैं सपॉर्ट करता हूं। न तो इसके लिए अमेरिका खड़ा रहता है। मैं सभी अमेरिकियों से अपील करता हूं कि वे तनाव कम करने और माहौल शांत करने में मदद करें।

अमेरिकी सदन की अध्यक्ष ने बताया देश के लिए खतराराष्ट्रपति ट्रंप के महाभियोग पर बहस के दौरान अमेरिकी सदन की अध्यक्ष नैन्सी पलोसी ने कहा, ‘हम जानते हैं कि अमेरिका के राष्ट्रपति ने इस विद्रोह, देश के खिलाफ इस सशस्त्र विद्रोह के लिए उकसाया। उन्हें पद से हटना चाहिए। साफ है कि वह देश के लिए खतरा हैं।

ट्रंप को हटाने के लिए मिला था 24 घंटे का नोटिसइससे पहले पेलोसी ने ट्रंप को हटाने के लिए 24 घंटे का नोटिस दिया था और ऐसा न करने पर महाभियोग के लिए तैयार रहने के लिए कहा था। पेलोसी ने कहा था, ‘राष्ट्रपति के खिलाफ अभियोग चलाने और उन्हें हटाने के लिए मामले को पेश करना उनका (प्रबंधकों) संवैधानिक कर्तव्य है।’

ट्रंप के कई साथी ही उनके खिलाफन्यू यॉर्क टाइम्स के मुताबिक सीनेट में रिपब्लिकन पार्टी के नेता मिच मैकॉनेल का मानना है कि महाभियोग के बाद ट्रंप को पार्टी से निकालना आसान हो जाएगा।

यूट्यूब ने बंद किया ट्रंप का चैनलयूट्यूब ने हिंसा की आशंकाओं के मद्देनजर कम से कम एक हफ्ते के लिए ट्रंप का चैनल सस्पेंड कर दिया। यूट्यूब ने एक ट्वीट में कहा कि उसने नई सामग्री अपलोड होने के बाद ट्रंप के चैनल को निलंबित कर दिया, जिसने उसकी नीतियों का उल्लंघन किया है। बयान में यह साफ नहीं किया गया कि कौन-से विडियो पर सवाल खड़ा किया गया है या उसने किस तरह से उसकी नीतियों का उल्लंघन किया है। कैपिटल हिल की हिंसा के बाद अब तक फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम समेत कई सोशल मीडिया मंचों ने ट्रंप के अकाउंट को सस्पेंड कर दिया है।

यह है पूरा मामलाट्रंप पर आरोप है कि उन्होंने अपने समर्थकों को कैपिटल बिल्डिंग (संसद परिसर) की घेराबंदी के लिए तब उकसाया, जब वहां इलेक्टोरल कॉलेज के मतों की गिनती चल रही थी और लोगों के धावा बोलने की वजह से यह प्रक्रिया बाधित हुई। इस घटना में एक पुलिस अधिकारी समेत पांच लोगों की मौत हो गई।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *