कोरोना वायरस महामारी का सबसे पहले शिकार बने चीन में पिछले साल मई के बाद अब पहली मौत दर्ज की गई है। यही नहीं, 10 महीने बाद एक दिन में सबसे ज्यादा संक्रमण के मामले भी सामने आए हैं। इससे पहले चीन इस संकट से बाहर निकलता हुआ दिखाई दे रहा था और प्रशासन इस कोशिश में जुटा था कि वायरस को दोबारा फैलने से रोका जा सके। इसी बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक्सपर्ट्स की टीम भी वायरस की उत्पत्ति को लेकर जांच करने वुहान पहुंचने वाली है।
5 मार्च के बाद सबसे ज्यादा मामले
नैशनल हेल्थ कमीशन ने ताजा मौत के बारे में ज्यादा जानकारी तो नहीं दी है। हालांकि, यही बताया गया है कि हेबेई प्रांत में आठ महीने बाद पहली मौत हुई है। वहीं, 5 मार्च के बाद गुरुवार को सबसे ज्यादा इन्फेक्शन के 138 मामले सामने आए हैं। इससे एक दिन पहले यह संख्या 115 थी। कमीशन ने बताया है कि 124 मामले स्थानीय इन्फेक्शन के थे जिनमें से 81 हेबेई प्रांत के थे और 41 हेलॉन्गजियान्ग के।
कोरोना का दूसरा केंद्र बना हेबेई
3.8 करोड़ की आबादीवाले हेलॉन्गजियान्ग में बुधवार को आपातकाल भी लागू कर दिया गया था। लोगों से कहा गया है कि जब तक बिल्कुल जरूरी न हो, प्रांत से बाहर ना जाएं। वहीं हेबेई प्रांत में कड़ाके की ठंड के बीच लोग कोरोना वायरस टेस्ट के दूसरे चरण के लिए पहुंचते रहे। 7.5 करोड़ की आबादी वाला यह प्रांत देश में कोरोना की दूसरी वेव का केंद्र बन गया है।
पहले के मुकाबले कम मामले
हालांकि, पहले की तुलना मे मामलों की संख्या पहले की तुलना में काफी कम है, हालात को और बिगड़ने से रोकने के लिए 2.8 करोड़ लोगों को जनवरी में होम क्वारंटीन कर दिया गया था। डब्ल्यूएचओ के 10 सदस्यीय दल गुरुवार को सिंगापुर से वुहान के लिए उड़ान भरने वाला है। 1 साल बाद इस वैश्विक महामारी की जांच के लिए डब्लूएचओ की टीम के वुहान जाने पर कई लोगों ने सवाल भी उठाए हैं।