आपके मोबाइल नंबर से तो नहीं चल रहा फर्जी सिम का फ्रॉड, हो जाइए जल्द अलर्ट

ग्रेटर नोएडा
बैंक खाते में लिंक मोबाइल नंबर की नई सिम निकलवाकर धोखाधड़ी करने वाले एक गिरोह का आईटी सेल ने खुलासा किया है। एक तथाकथित बैंककर्मी और एक मोबाइल कंपनी के स्टोर पर सिम बेचने वाले कर्मचारी की मिलीभगत से यह गोरखधंधा चल रहा था। यह गिरोह लोगों के बैंक खाते में लिंक मोबाइल नंबर की नई सिम निकलवा कर फर्जी दस्तावेज तैयार कर डेबिट कार्ड जारी करवा लेता था।

गिरोह ने ग्रेटर नोएडा में रहने वाले एक व्यक्ति को 67 लाख रुपये का चूना लगाया था। जिसकी शिकायत पर आईटी सेल की टीम ने गैंग का खुलासा किया है। आईटी सेल की टीम ने बीटा -2 कोतवाली पुलिस के सहयोग से गैंग में शामिल दो लोगों को गिरफ्तार किया है। एक तथाकथित बैंककर्मी समेत तीन लोग अभी फरार हैं।

इनकी हुई है गिरफ्तारी
ग्रेटर नोएडा के एडिशनल डीजे में विशाल पांडे ने बताया कि पकड़े गए आरोपितों की पहचान सतीश राणा निवासी बागपत वर्तमान पता एल्डिको माईस्टिक ग्रीन अपार्टमेंट ओमिक्रॉन-1 ग्रेटर नोएडा और अनुज निवासी सैदपुरा बुलंदशहर वर्तमान पता सेक्टर ज्यू-1 के रूप में हुई है।

ये आरोपी फरार
एक तथाकथित बैंककर्मी और सतीश राणा का भाई प्रदीप राणा और एक रवि नाम का आरोपी फरार है। पुलिस की टीम इनकी तलाश में जुटी है। पुलिस ने पकड़े गए आरोपितों के पास से मोबाइल फोन बरामद किए हैं। इन लोगों के खिलाफ बीटा-2 कोतवाली में आईटी एक्ट का मुकदमा का दर्ज था। पुलिस पकड़े गए आरोपियों से जानकारी जुटा रही है।

ऐसे करते थे धोखाधड़ीयह गैंग बैंक खाते में लिंक लोगों के मोबाइल नंबर की नई सिम निकलवाते थे। मोबाइल कंपनी के स्टोर पर सिम बेचने वाले कर्मचारी की महत्वपूर्ण भूमिका होती थी। इसके बाद उस व्यक्ति के फर्जी दस्तावेज तैयार कराकर उसके नाम से डेबिट कार्ड जारी करवा लेते थे।

डेबिट कार्ड से उस व्यक्ति के बैंक खाते को खाली कर देते थे। इन लोगों ने अभी तक कितने लोगों के साथ धोखाधड़ी कर कितना पैसा लोगों का हड़पा है। इसके बारे में अभी जानकारी की जा रही है। इनके बैंक खातों की जानकारी भी हासिल की जा रही है। पुलिस की टीम फरार आरोपियों की तलाश में जुटी है।

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