देशभर के साथ बिहार में भी 16 जनवरी से कोरोना टीकाकरण () की शुरूआत हो जाएगी। लेकिन उससे पहले ही बिहार के स्वास्थ्य विभाग () में हड़कंप मच गया है। बुधवार की शाम से ही स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी से लेकर कर्मचारी तक परेशान हैं। विभाग की वेबसाइट बुधवार की शाम से ही ठप पड़ गई है और खबर लिखे जाने तक ठीक नहीं हो पाई थी।
स्वास्थ्य विभाग की वेबसाइट ठपये बिल्कुल सही खबर है। बिहार सरकार के स्वास्थ्य विभाग की वेबसाइट health.bih.nic.in खुल नहीं रही। इसे खोलने पर This site can’t be reached बताया जा रहा है। हालांकि टेक्निकल टीम वेबसाइट को ठीक करनी लगातार कोशिश कर रही है लेकिन अब तक वो सफल नहीं हो पाए हैं। माना जा रहा है कि वेबसाइट तकनीकी खामियों की वजह से नहीं खुल पा रही।
स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी के मुताबिक ‘बुधवार शाम से ही वेबसाइट पर कोई भी सूचना अपलोड नहीं हो रही है और न ही कुछ अपडेट हो पा रहा है। हमें देखना होगा कि तकनीकी टीम कब तक वेबसाइट को दुरुस्त कर पाती है ताकि कोरोना टीकाकरण अभियान पर कोई असर नहीं पड़े।’
दरअसल कोरोना काल में स्वास्थ्य विभाग अपनी वेबसाइट पर हर घंटे नई जानकारी अपलोड और अपडेट करता है। इन जानकारियों में Covid-19 के मामलों से लेकर टेस्टिंग का आंकड़ा तक दिया जाता है। इसी में अब वैक्सीनेशन सेंटर की जानकारी अपडेट की जा रही थी जिससे जिलों के सिविल सर्जन और अन्य विभागों को सहूलियत हो रही थी।
पटना में 16 जगहों पर वैक्सीनेशन सेंटरबात अगर कोरोना के टीकाकरण की करें तो पटना में आज से ठीक 2 दिन बाद 16 जनवरी को 16 जगहों पर कोरोना का टीका दिया जाएगा। इनमें पीएमसीएच, एनएमसीएच, आईजीआईएमएस के अलावा तीन निजी अस्पताल, तीन अनुमंडलीय अस्पताल, पांच सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और दो पीएचसी शामिल हैं। निजी अस्पतालों में कोरोना वैक्सीन देने के लिए पारस, रूबन और बिग अस्पताल को चुना गया है।
इन सरकारी अस्पतालों में दी जाएगी कोरोना वैक्सीनअनुमंडलीय अस्पतालों में दानापुर, बाढ़ और मसौढ़ी शामिल हैं। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में पटना सिटी का जीजीएस अस्पताल, फुलवारीशरीफ, धनरुआ, फतुहा और बख्तियारपुर जबकि दो प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र यानी पीएचसी में मनेर और बिहटा शामिल हैं। जिला टीकाकरण पदाधिकारी डॉ. एसपी विनायक ने बताया कि सभी जगहों के लिए टीम की तैनाती और उनका प्रशिक्षण कार्य पूरा कर लिया गया है। टीकाकरण में कोई व्यवधान ना हो, इसके लिए इस कार्य में लगे सभी कर्मियों को दो-दो बार प्रशिक्षण दिया गया है।