दुनिया का सबसे पुराना गुफाचित्र मिला, 45.5 हजार साल पहले 'हमारी तरह आधुनिक' लोगों की कला का नूमना

जकार्ता
एशिया में इंसानों की मौजूदगी का अब तक का सबसे पुराना सबूत खोज लिया गया है। 45.5 हजार साल पुरानी एक सूअर की आकृति इंडोनेशिया में एक गुफा में पाई गई है। माना जा रहा है कि इसके साथ ही इंसानों के पलायन की कहानी को भी समझा जा सकेगा। यह पेंटिंग साल 2017 में खोजी गई थी और इंसानी इतिहास में अब तक की सबसे पुरानी केव पेंटिंग (Cave Painting) मानी जा रही है। इसे लेकर रिसर्च पेपर साइंस अडवांसेज पत्रिका में छपा है।

तस्वीर में क्या दिखा?
जंगली सूअर की ये आकृति डॉक्टोरल स्टूडेंट बसरान बुरहान ने यहां गुफाओं की सैर के दौरान खोजी। लियांग टेडॉन्गे गुफा के अंदर मिली इस आकृति में करीब चार सूअर दिख रहे हैं जिनमें से एक बिल्कुल साफ है। इस गुफा में सिर्फ सूखे मौसम में आया जा सकता है क्योंकि साल के बाकी हिस्से में यहां बारिश के कारण पानी भर जाता है। लाल रंगे से बनी तस्वीर को देखकर ऐसा लग रहा है कि यह सूअर दूसरे जानवरों को देख रहा था।

DNA सैंपल की उम्मीद
इस तस्वीर के ऊपरी हिस्से में दो हाथों के निशान भी हैं और वैज्ञानिक उम्मीद लगा रहे हैं कि इससे उन्हें DNA सैंपल मिल सकें। अभी तक अंदाजा लगाया जा रहा है कि इस तस्वीर को बनाने वाला इंसान होमो सेपियंस () प्रजाति का रहा होगा लेकिन हो सकता है कि वह डेनिसोवन (Denisovan) प्रजाति का हो, जो अब विलुप्त हो चुकी है।

‘आधुनिक थे ये लोग’
पुरातत्वविद मैग्जिम ऑबर्ट का कहना है कि जिन लोगों ने यह तस्वीर बनाई है वे काफी आधुनिक लग रहे हैं। उनके पास अपने मन की तस्वीर बनाने के लिए जरूरी औजार और क्षमता मौजूद थी। ऑबर्ट के मुताबिक लैब अनैलेलिस में पता चला है कि यह 45.5 हजार साल पुरानी है लेकिन हो सकता है कि यह और भी पुरानी हो क्योंकि अभी जिस तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है वह सिर्फ कैल्साइट की मजूदगी पर आधारित है।

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