चीन की पीपल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) ने देश की सीमा की सटीकता परखने के लिए पहली बार एक 3डी मैप तैयार किया है। इसमें भारत के साथ विवादित पश्चिमी सीमा भी है। देश की सरकारी मीडिया में इस बात का दावा किया गया है। PLA के वेस्टर्न कमांड ने इस स्पेशियल डेटम सिस्टम को युद्ध क्षमता के साथ-साथ इन्फ्रास्ट्रक्चर के विकास के लिए बनाया है।
सटीक रूलर की तरह है डेटा
स्टेट मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक PLA ने हाल ही में चीन का पहला सटीक स्पेशियल डेटम तैयार किया है जिसमें पश्चिमी हिस्सा भी शामिल है। चीन के CCTV ने वान्ग यानबिन के हवाले से बताया है कि यह मैप मल्टिफंक्शनल और सटीक रूलर की तरह है जो रिमोट सेंसिंग तस्वीरों में दूसरे भौगौलिक डेटा के कोऑर्डिनेट बता सके। यान इस प्रॉजेक्ट के इंचार्ज हैं और PLA की नैविगेशन और मैपिंग यूनिट के डेप्युटी लीडर भी हैं।
पहाड़ी इलाके में मिलेगी मदद
चीन का कदम इसलिए ज्यादा खास हो जाता है क्योंकि भारत के साथ जिस इलाके में उसका विवाद है, वह पूरी जटिल पहाड़ी इलाका है। इस तरह के विस्तृत और सटीक 3डी मैप की मदद से उसे अपनी सेना तैनात करने और किसी भी स्थिति में खुद प्रक्रिया के लिए तैयार रहने में काफी मदद मिलेगी। इसमें ऊंचाई और गहराई का भी सटीकता से अंदाजा लगाया जा सकेगा। इससे सैनिकों के साथ सैन्य उपकरणों को तैनात करने और इस्तेमाल करने में उसे मदद मिलेगी।
भारत से तनाव के बीच तैनाती
CCTV की रिपोर्ट में बताया गया है कि इस सिस्टम को तैयार करने के लिए कमांड ने 20 हजार किलोमीटर के क्षेत्र का ड्रोन, पैनोरमा कैमरों और खास गाड़ियों से जायजा लिया और दो साल में इस प्रॉजेक्ट को खत्म किया है। यूं तो भारत के साथ ड्रैगन का सीमा विवाद पिछले साल मई से ही ताजा हुआ है, यह विवाद काफी वक्त से चलता आ रहा है। अब दोनों देशों के बीच तनाव गहराने के बाद चीन का यह प्रॉजेक्ट पूरा होने और इस्तेमाल शुरू होने से भारत के लिए समस्या खड़ी हो सकती है।
सिर्फ भारत ही नहीं, चीन के भूटान जैसे पड़ोसी देशों को भी चुनौती का सामना करना पड़ सकता है। नए सिस्टम की मदद से चीन की सेना पूरे पश्चिमी सीमाक्षेत्र पर नजर रख सकेगी। हालांकि, इसका इस्तेमाल सैन्य जरूरतों के अलावा इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास, स्पेशियल प्लानिंग और आर्थिक विकास के लिए भी किया जाएगा।