मकर सक्रांति पर बड़ी संख्या में अयोध्या पहुंचे श्रद्धालुओं ने सरयू नदी में स्नान कर हनुमान गढ़ी, कनक भवन और राम जन्मभूमि के अस्थाई मंदिर में विराजमान श्री रामलला का दर्शन-पूजन किया। राममंदिर निर्माण के बीच पहली बार भव्यता के साथ श्री रामलला को दही, पापड़, घी के साथ खिचड़ी का भोग मंदिर में लगाया गया।
श्री राम जन्मभूमि परिसर के अस्थाई मंदिर में विराजमान भगवान श्री रामलला सहित अयोध्या के मठ मंदिरों में मकर संक्रांति का पर्व बड़े उल्लास के साथ मनाया गया। इस पर्व को मनाने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु अयोध्या पहुंचे। श्रद्धालुओं ने सरयू नदी में संक्रांति स्नान कर वस्त्र और अन्न दान किया। ऐसी मान्यता है कि आज के दिन पीला वस्त्र और अन्न दान किया जाता है जिससे घर परिवार में सुख समृद्धि होती है।
28 सालों में पहली बार रामलला को लगा भोग
मकर संक्रांति पर अयोध्या के मठ मंदिरों में विशेष प्रकार के व्यंजनों से भगवान के गर्भ गृह में भोग लगाया गया। वहीं, राम जन्मभूमि परिसर में विराजमान भगवान श्री रामलला को भी इस वर्ष मकर संक्रांति पर दही, पापड़, अचार के साथ खिचड़ी प्रसाद का भोग लगाया गया। इस बार परिसर में भव्य मंदिर निर्माण का कार्य शुरू हो चुका है ,जिसके लिए भगवान को भव्य अस्थाई मंदिर में विराजमान कराया गया है। 28 वर्षों के बाद भगवान श्री रामलला ने मकर संक्रांति के पर्व पर खिचड़ी का भोग प्राप्त किया है।
श्रद्धालुओं ने किया रामलला का दर्शन
रामजन्मभूमि के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने बताया कि भगवान श्रीराम का भव्य मंदिर निर्माण शुरू होने जा रहा है जिसमें पूरे देश के लोग बड़े उत्साह से मंदिर निर्माण के लिए सहयोग कर रहे हैं। इस वर्ष राम जन्मभूमि परिसर में भगवान श्री रामलला अस्थाई सुंदर भवन में विराजमान हैं। पहली बार इस भवन में मकर संक्रांति के पर्व पर खिचड़ी प्रसाद भोग लगाया गया है। उन्होंने बताया कि इसी तरह अयोध्या के सभी मठ-मंदिरों में भी विराजमान भगवान को भोग लगाए जाने के साथ ही श्रद्धालुओं को प्रसाद के रूप में खिलाया जा रहा है।