मुजफ्फरपुर शहर के चर्चित नवरुणा अपहरण कांड में सीबीआई ने मुजफ्फरपुर कोर्ट में क्लोजर रिपोर्ट दाखिल कर दी थी। इस मामले में सीबीआई का कहना है कि दोषियों के खिलाफ कोई सबूत नहीं है। सीबीआई की कार्य शैली पर सवाल उठाते हुए नवरुणा के परिजन अब सुप्रीम कोर्ट में सीबीआई की रिपोर्ट के खिलाफ याचिका दायर करेंगे।
नवरुणा के पिता अतुल्य चक्रवर्ती ने बताया कि अब वह सुप्रीम कोर्ट जाएंगे जहां वह सीबीआई की रिपोर्ट के खिलाफ विरोध पत्र दाखिल करेंगे। उन्होंने बताया कि सुप्रीम कोर्ट पर पूरा भरोसा है। अपनी बेटी के अपहरण मामले में सीबीआई के रिपोर्ट के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे। वहीं 7 सालों के सीबीआई कार्यकाल का हिसाब मांगा।
ये है मामला
मामला 12 साल पुराना है। वर्ष 2008 में 18 सितंबर को नवरुणा अपने घर में सोई थी। उस समय नवरुणा की उम्र 12 वर्ष थी। सोते समय ही रात के करीब 1 बजे घर की खिड़की तोड़ कर अपहरणकर्ता घर में घुसते हैं और नवरुणा का अपहरण कर लेते हैं। सुबह जब परिजन उठते हैं तो देखते हैं कि खिड़की टूटी हुई है और नवरुणा गायब है। जिसके बाद परिजन शहर के भू माफियाओं पर अपहरण का आरोप लगाते हुए केस दर्ज कराया। केस दर्ज होने के 68वें दिन बाद नवरुणा के घर के सामने से एक नाले में नर कंकाल बरामद होता है। जिसे जांच के दौरान नवरुणा का कंकाल बताया जाता है।
हालांकि इस दौरान नवरुणा के परिजनों द्वारा पूरे मामले में भू माफियाओं के साथ साथ कुछ पुलिस पदाधिकारियों पर आरोप लगाया गया था। इसके बाद बिहार सरकार ने इस मामले में 3 दिसंबर 2012 को केस सीआईडी को सौंप दिया गया। फिर बाद में सुप्रीम कोर्ट में दायर एक याचिका पर सुनवाई करते हुए इस मामले को 14 फरवरी 2014 को सीबीआई को सौंप दिया गया। तब से लेकर अबतक 7 वर्षों की जांच के बाद सीबीआई ने कोर्ट में क्लोजर रिपोर्ट दाखिल कर जांच बंद कर दी है।