झारखंड के ओरमांझी थाना क्षेत्र में सिर कटी युवती की लाश मिलने के बाद रांची पुलिस 9 दिनों तक काफी परेशान रही। इस विभत्स घटना के खिलाफ रांची में जोरदार प्रदर्शन हुआ और मुख्यमंत्री के काफिले को भी रोकने की कोशिश की गयी और पुलिस पर हमला भी किया गया। ब्लाइंड मर्डर केस में पुलिस को 9वें दिन सिर कटी युवती की लाश की पहचान सूफिया परवीर के रूप में की गयी, लेकिन इसके बावजूद आरोपी शेख बेलाल पुलिस की गिरफ्त से दूर था।
पुलिस ने गुरुवार को गुप्त सूचना के आधार पर बेलाल को भी गिरफ्तार कर लिया और कुछ देर गुप्त स्थान पर उससे पूछताछ करने के बाद पुलिस आरोपी को घटनास्थल पर ले गयी और सीन रीक्रिएट कर कई महत्वपूर्ण जानकारियां और साक्ष्य एकत्रित करने में सफलता हासिल की।
एकांत झाड़ी में ले जाकर सूफिया का पहले गला घोंटा फिर सिर को धड़ से काट किया अलग
ग्रामीण पुलिस अधीक्षक नौशाद ने बताया कि आरोपी बेलाल को यह पता था कि सिर कटी लाश बरामद होने के बाद मामला काफी हाईलाइट होगा, लेकिन उसे यह अहसास था कि पुलिस कभी भी उसे ढूंढ पाने में सफल नहीं हो सकती। उसने पूरी योजनाबद्ध तरीके से घटना को अंजाम दिया था और सभी साक्ष्य को मिटाने की कोशिश की गयी थी। उन्होंने बताया कि घटनास्थल पर पहुंचने पर बेलाल ने वह स्थान भी दिखाया, जहां वह सूफिया को झांसा देकर साथ ले गया था और मोटरसाइकिल एक स्थान पर रोकने के बाद पैदल ही उसे एकांत झाड़ी में ले गया।
खून लगा हथियार घर से बरामद
पुलिस को बेलाल ने यह जानकारी दी कि पहले गला घोंट कर उसकी हत्या की और धारदार हथियार से उसके सिर को धड़ से अलग कर दिया गया। इसके बाद उसने मृतका के कपड़े को उतारा और उसे जलाकर साक्ष्य मिटाने की कोशिश की। पुलिस ने जले कपड़े में से कुछ अवशेष को साक्ष्य के तौर जब्त कर लिया है। इसके अलावा फॉरेसिंक विभाग की टीम हत्या में प्रयुक्त हथियार समेत अन्य साक्ष्यों का भी परीक्षण किया गया। जिस हथियार से सिर काटा गया था, उसमें अब भी खून लगा था और उसे घर के अंदर ही छिपा कर रखा गया था। इससे पहले एसएसपी सुरेंद्र कुमार झा को गुप्त सूचना मिली थी कि बेलाल ऑटो से जा रहा था। इसी दौरान रांची पुलिस की टीम ने सिकिदरी ओरमांझी रोड से गिरफ्तार कर लिया।
जीराबार जंगल से 3 जनवरी को मिली थी सिर कटी युवती की लाश
3 जनवरी की सुबह में ओरमांझी थाना पुलिस ने जीराबार जंगल से बिना सिर का नंगधड़ंग एक युवती का शव बरामद किया था। सिर नहीं मिलने के कारण राजधानी में कई तरह की अफवाहें उड़ती रही इस हत्या पर खूब राजनीति भी हुई, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन तक को निशाना बनाया गया। पुलिस की भी काभी फजीहत होती रही। बाद में पुलिस ने सिर बरामद कराने वाले व हत्यारे का सुराग देने वाले को पांच लाख रुपये इनाम देने का ऐलान किया उसके बाद धीरे धीरे पुलिस को कामयाबी मिलनी शुरू हुई। पहले मृतका के परिजनों द्वारा सूफिया के रूप में दावा किया गया , उसके बाद पुलिस सभी का डीएनए कराई उसके बाद पुलिस को बिलाल के द्वारा हत्या किये जाने की जानकारी मिली, तब पुलिस सबसे पहले कर्रा थाना के लोधमा से उसकी बहन व उसके बहनोई को हिरासत में ले लिया। उसके दो दिनों बाद पुलिस ने खेत से युवती का सिर बरामद किया। जिसकी पहचान उसके भाई सहित परिवार के लोगों ने सूफिया परवीन के रूप में की।