सपा सरकार के दौरान सड़कों बीघा जमीन रामपुर से सांसद आज़म खान के ज़ौहर ट्रस्ट के नाम लेने के मामले में एडीएम कोर्ट में वाद चल रहा है। ज़ौहर यूनिवर्सिटी ने 12.5 एकड़ से ज़्यादा ज़मीन खरीदने के लिए सरकार से अनुमति लेकर करीब 400 एकड़ जमीन खरीदी थी।
आरोप लगे थे कि अनुमति की कई शर्तों का उल्लंघन किया गया है। प्रशासन की ओर से जौहर ट्रस्ट को आवंटित जमीनों की जांच एसडीएम सदर द्वारा कराई गई थी। जांच में जौहर विश्वविद्यालय के लिए अधिग्रहीत जमीनों के आवंटन में अनियमितताएं मिली थीं।
आरोप है कि जौहर यूनिवर्सिटी के निर्माण के लिए सपा शासन में जौहर ट्रस्ट को जमीन देते वक्त स्टांप शुल्क में इस शर्त पर माफी दी गई थी कि जमीन पर चैरिटेबिल कार्य होंगे। जांच रिपोर्ट के अनुसार ज़ौहर ट्रस्ट की इस जमीन पर जौहर विश्वविद्यालय चल रहा है, पिछले दस सालों में चैरिटी का कोई काम नहीं हुआ।
जांच रिपोर्ट में यह भी कहा गया था कि ट्रस्ट को एक सीमा के तहत ही जमीन आवंटित की जा सकती है, लेकिन नियम कायदों का उल्लंघन कर जमीन दी गई। मामले में अब एडीएम कोर्ट में सुनवाई चल रही है।
डकैती के षड्यंत्र में भी फंसे, 5 मामलों में जमानत
पिछले दिनों पुलिस ने 11 मामलों में सांसद आजम खां के खिलाफ गंज थाना के डूंगरपुर में मकान खाली कराने के नाम पर डकैती का षडयंत्र रचने के आरोप में चार्जशीट दाखिल की थी। रामपुर के एमपी एमएलए स्पेशल कोर्ट ने इनमें से 5 मामलों में गुरुवार को जमानत दे दी है। इसके साथ ही 19 अन्य मामलों में सुनवाई कर कार्यवाही को आगे बढ़ाया गया है।