Bihar Weather Forecast : कुछ दिन की छुट्टी लेकर बिहार में ठंड Returns, पटना समेत पूरे राज्य में पारा अभी और गिरने का पूर्वानुमान

पटना: मकर संक्रांति के दो-तीन दिन पहले तक लोगों को ऐसा लग रहा था कि ठंड चली गई। न्यूनतम और अधिकतम तापमान में बढ़ोतरी के चलते राजधानी पटना के घरों में पंखे तक चलने लगे थे। लेकिन मकर संक्रांति की सुबह-सुबह ठंड Return () हो गई। शुक्रवार की सुबह साढ़े 8 तक हाल ये था कि लोग रजाई में दुबके पड़े थे। सूर्य के दर्शन तक नहीं हुए थे।

मकर संक्रांति में ठंड रिटर्न्सगुरुवार को मकर संक्रांति के दिन सूरज और बादलों की आंखमिचौली जारी रही। इसके चलते दिन का तापमान तेजी से नीचे लुढ़क गया। पिछले 24 घंटों में कोहरे के चलते ठंड और बढ़ गई। मौसम विभाग के पूर्वानुमान के मुताबिक अगले दो दिन तक राज्य को ठंड से राहत मिलने की उम्मीद कम ही है। दिन में धूप नहीं खिलने से कनकनी बढ़ी है। दिन का तापमान दो डिग्री तक नीचे आया है। अगले दो दिन अधिकतम तापमान में और गिरावट की उम्मीद है। हालांकि मौसम विभाग ने राज्य में अभी शीतलहर की स्थिति से इनकार किया है।

बिहार में दो तरफा हवाओं ने बढ़ाई ठंडराज्य में दोतरफा हवाएं चल रही हैं। दक्षिणी बिहार में जहां उत्तर पश्चिम दिशा से बर्फीली हवाएं कनकनी लेकर आ रही हैं। वहीं दक्षिणी भाग में पूरवइया हवा नमी लेकर आ रही है। ग्रामीण इलाकों में आग के अलावा दूसरा कोई सहारा नहीं, बात अगर राजधानी पटना समेत शहरी इलाकों की करें तो बगैर ब्लोअर और हीटर के तो रहना मुश्किल लग रहा है।

जानिए ठंड के लौटने की वजहइधर ठंड की चलते लोग भी घरों से निकलने से बचना चाह रहे हैं। मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक बिहार के उत्तरी भाग में चक्रवाती परिसंचरण का क्षेत्र बना हुआ है, जिससे उत्तर बिहार में आंशिक बादल छाए रहेंगे। नमी की वजह से न्यूनतम पारे में गिरावट की स्थिति नहीं आएगी लेकिन दक्षिणी और भाग में ठंड का टॉर्चर बरकरार रहेगा। विशेषज्ञों के मुताबिक पर्वतीय भागों में बर्फबारी की वजह से उत्तर पश्चिम दिशा से आने वाली हवाएं गलन लेकर आ रही हैं। इससे कनकनी बढ़ेगी और दक्षिणी भाग में न्यूनतम पारे में दशमलव अंकों की गिरावट आ सकती है।

ठंड से गया सबसे ज्यादा बेहालचौतरफा पहाड़ों से घिरे गया जिले का हाल ठंड से सबसे ज्यादा बेहाल है। मकर संक्रांति के एक दिन पहले ही यहां राज्य का सबसे कम न्यूनतम तापमान 4.2 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। हाल ये था कि लोग दोपहर तक घर में ही दुबके रहने को मजबूर थे।

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