सरकार ने इन महिलाओं को कोरोना वैक्सीन लगवाने से रोका, पूरा निर्देश समझ लीजिए

नई दिल्ली
देश में कोरोना के खिलाफ टीकाकरण शुरू होने से पहले सरकार ने गर्भवती महिलाओं को टीका न लगवाने को कहा है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि कोविड-19 टीकों को गर्भवती और दूध पिलाने वाली महिलाएं न लगवाएं क्योंकि उन्हें अभी तक किसी भी कोरोना वायरस-रोधी टीके के क्लिनिकल ट्रायल का हिस्सा नहीं बनाया गया है।

इसके साथ ही लोगों को यह भी बताया गया है कि दो टीके की खुराक में अदला-बदली बिल्कुल भी न करें। मंत्रालय ने सभी राज्यों और केन्द्रशासित प्रदेश को लिखे पत्र में आपातकालीन परिस्थितियों में इनके इस्तेमाल को रेखांकित करते हुए कहा कि कोविड-19 टीके केवल 18 साल या उससे अधिक आयु के लोगों के लिए हैं। आवश्यकता पड़ने पर कोविड-19 टीकों और अन्य टीकों के बीच कम से कम 14 दिन का अंतराल लिया जा सकता है।

केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव मनोहर अगनानी द्वारा भेजे गए पत्र में कहा गया है, ‘कोविड-19 टीकों की विनिमयशीलता (एक टीका अलग, दूसरा अलग) की अनुमति नहीं है। दूसरी खुराक भी उसी टीके की लेनी होगी, जो पहले टीके की ली गई है।’

पत्र में कहा गया है, ‘गर्भवती तथा दूध पिलाने वाली महिलाओं को अभी तक किसी भी टीके के क्लिनिकल ट्रायल का हिस्सा नहीं बनाया गया है। लिहाजा गर्भवती या अपने गर्भवती होने को लेकर अनिश्चित महिलाएं इस समय कोविड-19 टीके न लगवाएं।’

16 को PM मोदी करेंगे टीकाकरण अभियान की शुरूआत
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 16 जनवरी को देशव्यापी कोविड-19 टीकाकरण अभियान की शुरुआत करेंगे और इसके मद्देनजर सभी राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में टीकों की पर्याप्त खुराकें भेज दी गई हैं। PMO ने बताया है, ‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 16 जनवरी को सुबह 10.30 बजे वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से देशव्यापी कोविड-19 टीकाकरण अभियान की शुरुआत करेंगे। यह विश्व का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान होगा।’

इस कार्यक्रम से सभी राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों के 3006 स्थान डिजिटल माध्यम से जुडेंगे और हर केंद्र पर 100 लाभार्थियों का टीकाकरण होगा। बयान में कहा गया कि यह टीकाकरण अभियान जन भागीदारी के सिद्धांत के तहत प्राथमिकता के आधार पर चलाया जाएगा जिसमें पहले चरण के तहत सरकारी व निजी क्षेत्रों के स्वास्थ्यकर्मियों और आईसीडीएस कर्मियों का टीकाकरण किया जाएगा।

नागर विमानन मंत्रालय के सहयोग से सभी राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में टीकों की पर्याप्त खुराकें भेजी गई हैं तथा राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों ने इन्हें सभी जिलों में भेज दिया है। टीकाकरण अभियान को सुचारू रूप से चलाने और टीका वितरण कार्यक्रम की निगरानी के लिए को-विन (कोविड वैक्सीन इंटेलिजेंस नेटवर्क) नामक एक डिजिटल मंच भी तैयार किया गया है। सरकार की ओर से कोविड-19 महामारी, टीकाकरण और इसके डिजिटल प्लेटफॉर्म से संबंधित सवालों के समाधान के लिए 24 घंटे और सातों दिन संचालित होने वाले कॉल सेंटर और हेल्पलाइन 1075 स्थापित की गई है।

सूत्रों ने बताया कि प्रधानमंत्री इस दौरान वीडियो कांफ्रेंस के जरिए देश के विभिन्न हिस्सों के कुछ स्वास्थ्यकर्मियों के साथ संवाद भी कर सकते हैं। सूत्रों के मुताबिक, राजधानी दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) और सफदरजंग अस्पताल के अधिकारियों ने कहा है कि वे दोतरफा संवाद के लिए आवश्यक सभी इंतजाम के साथ तैयार हैं।

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