नोएडा के बहुचर्चित निठारी कांड के 12वें केस में गाजियाबाद की सीबीआई कोर्ट का फैसला आ गया है। सुरेंद्र कोली को दोषी करार दिया गया है जबकि मोनिंदर सिंह पंढेर को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया गया। सजा को लेकर 16 जनवरी को सुनवाई होगी। निठारी कांड के 11 केसों में कोर्ट सुरेंद्र कोली को पूर्व में फांसी की सजा सुना चुकी है।
निठारी कांड के इस मामले में सीबीआई ने दोनों आरोपियों के खिलाफ अपहरण, हत्या और रेप के आरोप में आरोप पत्र पेश किया था। पुख्ता सबूतों के अभाव में विशेष अदालत ने मोनिंदर सिंह पंढेर को बरी कर दिया।
29 दिसंबर 2006 को हुई थी गिरफ्तारी
बता दें कि 29 दिसंबर 2006 को सीबीआई ने सुरेंद्र कोली और मोनिंदर सिंह पंढेर को गिरफ्तार करके इनकी निशानदेही पर सेक्टर-31 स्थित कोठी 5 के नाले से बच्चों के अवशेष बरामद किए थे। इसके बाद पुलिस ने कोली के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया था।
कोली ने जुर्म किया था कबूलकोली ने जुर्म कबूल करते हुए बताया था कि उसने बच्चों की हत्या करके शव नाले में फेंक दिए थे। उसने युवती के साथ बलात्कार करके हत्या का जुर्म भी कबूल किया था। गवाहों के बयान के आधार पर सीबीआई कोर्ट ने मोनिंदर सिंह पंढेर को भी आरोपी बनाया था।
कोठी में काम करने गई थी युवती, लौटकर नहीं आई
मामले की सुनवाई तभी से सीबीआई कोर्ट में चल रही थी। केस में 38 गवाहों के बयान दर्ज किए गए। सोमवार को दोनों पक्षों के वकीलों की बहस पूरी हो गई थी। सीबीआई के विशेष लोक अभियोजक जेपी शर्मा ने बताया कि निठारी गांव में रहने वाली युवती 12 नवंबर 2006 को घर से कोठियों में काम करने के लिए गई थी, लेकिन वह नहीं लौटी। युवती के पिता और मां की पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज नहीं की थी।