वोटर आईडी कार्ड के लिए लोगों को चक्कर काटने की जरुरत नहीं पड़ेगी। अब मतदाता अपना डिजिटल वोटर आईडी कार्ड डाउनलोड कर सकेंगे। अब तक मतदाताओं को निर्वाचन आयोग मतदाताओं को प्रिंटेड आईडी कार्ड बनाकर देता था। जिससे निर्वाचन आयोग व मतदाताओं को कई दिक्कतों का सामना करना पड़ता था। आईडी कार्ड बनाने और प्रिंटिंग में बड़ा खर्च भी होता था। चुनाव आयोग के प्रस्ताव पर 25 जनवरी से डिजिटल वोटर आईडी कार्ड की सुविधा लागू हो सकती है। इस साल देश के पांच राज्यों में चुनाव है। चुनाव के पूर्व मतदाता सूची में नाम जोड़ने हटाने शिविर लगाया जाता है। इसलिए इन राज्यों से शुरुआत होने की संभावना है।
यह होगी प्रक्रिया
मतदाता सूची में अपना मोबाइल नंबर या ईमेल दर्ज कराना होगा। जिसके बाद जरुरत पड़ने पर मतदाता ओटीपी के माध्यम से पीडीएफ फार्मेट में अपना वोटर आईडी कार्ड डाउनलोड कर सकते हैं। आधार कार्ड हेतु यह सुविधा पहले से उपलब्ध है। पहले से मतदाता सूची में दर्ज मतदाताओं को फिर से अपनी जानकारी दर्ज करनी होगी।
संसाधन, खर्च व समय की बचत
वोटर आईडी कार्ड की प्रिटिंग में मोटी रकम खर्च होती है। वोटर आईडी कार्ड वितरण करने में भी संसाधन और कर्मचारी लगते हैं, क्योंकि सही मतदाता तक आईडी कार्ड पहुंचाना भी एक जिम्मेदारी है। आईडी कार्ड गुम होने के बाद मतदाताओं को नए कार्ड के लिए दिक्कतें आती है। इन सभी समस्याओं से छुटकारा मिलेगा।