धुर नक्सल प्रभावित गांवों में सोलर होमलाईट से दूर हुआ अंधेरा

सुकमा। घने वन और दुर्गम रास्तों के चलते पिछले कई वर्षों से सुकमा जिले के दूर दराज पहुंचविहीन क्षेत्रों में रोशनी का इंतजार कर रहे ग्रामीणों की इच्छा क्रेडा विभाग के प्रयासों से पूर्ण हो रहा है। घने जंगलों और पहाड़ों के कारण जिन गांवों में परम्परागत बिजली पहुंचाने में बहुत अधिक कठिनाई आ रही है, वहां क्रेडा द्वारा घरों को रोशन करने का कार्य किया जा रहा है।
            दीनदयाल ग्राम ज्योति योजना एवं सौभाग्य योजना से जिले में ग्रामीण विद्युतीकरण को गति मिली है। जिले के कुल 200 ग्रामों/मजराटोला में लगभग 21 हजार परिवारांे को सोलर होमलाईट क्षमता 150 वाट तथा 200 वाट के संयंत्र सह 05 नग एलईडी लाईट 01 नग डीसी पंखा तथा यीएसबी केबल प्रदाय किया गया है जिससे ग्रामीणों की दिनचर्या एवं रात्रिकालीन प्रकाश व्यवस्था में सहयोग हो रहा है। जिन क्षेत्रों में ग्रामीण बच्चे अंधेरे में पढाई करने के लिए मजबूर थे अब सोलर होमलाईट की स्थापना से रात्रि में पढाई करने में मदद मिल रही है। सुकमा जिले के अतिसंवेदनशील विकासखंड कोन्टा के लगभग सभी अविद्युतीकृत ग्रामों में सोलर होमलाईट स्थापना कार्य पूर्ण किया गया है जिसमें पामलूर, गोरगुन्डा, सुरपनगुड़ा, इतमपाड, भीमापुरम, गच्चनपल्ली, मैलासुर, दंतेशपुरम, बुर्कलंका, पेन्टापाड, पालाचलमा, निमलगुड़ा, पोटकपल्ली, कोसमपाड, पुवर्ती, तोलेवर्ती, मिसीगुड़ा, कोन्डासावली, कमरगुड़ा, पैसलपाड, कंगालतोंग, बेदरे, सिलगेर, दुरनदरभा, बडेकेडवाड ,छोटेकेडवाड जैसे ग्राम सम्मिलित है। कोरोनाकाल में भी विभाग के कर्मचारियों के द्वारा दुर्गम एवं पहाड़ी रास्तों तथा अन्य विषम परिस्थितियों में युद्व स्तर पर विद्युतीकरण कार्य किया गया जिसके फलस्वरुप आज ग्रामीणों की जीवन में खुशहाली आई है।
सोलर स्ट्रीट लाईट से सड़कें भी हुई रोशन
क्रेडा विभाग द्वारा स्थापित सोलर स्ट्रीट लाईट से अब जिलेवासियों को रात्रि में भी सड़को पर आवागमन में सुविधा हुई है। जिला मुख्यालय के  मुख्य मार्गो में एवं ग्राम छिन्दगढ़ मुरतोन्डा, कोर्रा, पाकेला कुकानार, तोंगपाल, केरलापाल, झापरा, भेज्जी, कांकेरलंका, मरईगुड़ा में सौर संयंत्र सह स्ट्रीट लाईट स्थापित किये गये है जिससे रात्रिकाल में मुख्य मार्गो में रोशनी से साइकल चालकों, वाहन चालकों के साथ ही राहगीरों को भी मदद मिल रही है।

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