महामारी के बीच ध्रुवीकरण नहीं, समावेशी वृद्धि की जरूरत: ममता

कोलकाता, तीन दिसंबर (भाषा) प. बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा है कि कोविड-19 महामारी के बीच ध्रुवीकरण के बजाय समावेशी वृद्धि की जरूरत है। हालांकि, बनर्जी ने किसी का नाम नहीं लिया। मुख्यमंत्री ने बृहस्पतिवार को एक निजी समूह द्वारा आयोजित वर्चुअल कारोबार-प्रौद्योगिकी कार्यक्रम इन्फोकॉम-2020 को संबोधित करते हुए कहा कि महामारी की वजह से बड़ी संख्या में लोगों ने जान गंवाई है। बड़ी संख्या में लोगों ने रोजगार भी गंवाया है। उन्होंने कहा, ‘‘हमें कोविड-19 के टीके का इंतजार करना होगा। आगे टिके रहने के लिए एक दीर्घावधि की योजना की जरूरत है। सही प्राथमिकताओं पर ध्यान देने की जरूरत है। ध्रुवीकरण के बजाय समावेशी वृद्धि की जरूरत है।’’ उन्होंने कहा कि बंगाल सभी का सम्मान करता है। उन्होंने रविंद्रनाथ टैगोर की प्रसिद्ध कविता ‘हो चित्त जहां भय-शून्य, माथ हो उन्नत ….’ का भी जिक्र किया। बनर्जी ने कहा कि महामारी की स्थिति के बावजूद बंगाल आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य की आमदनी हालांकि कम हुई है, लेकिन अन्य राज्यों की तुलना में यह बेहतर है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प. बंगाल राज्य सकल घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) की वृद्धि, स्व-संचालन, ई-टेंडरिंग, एमएसएमई, असंगठित क्षेत्र, इस्पात, गरीबी उन्मूलन और कारोबार सुगमता के मामले में ‘नंबर वन’ है।

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