रायपुर। छत्तीसगढ़ राज्य सूचना आयुक्त ए.के.अग्रवाल ने 6 प्रकरणों पर हिदायतुल्ला राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय के जनसूचना अधिकारी को 10-10 हजार रूपए का अर्थदण्ड अधिरोपित करते हुए 300-300 रूपए क्षतिपूर्ति का आदेश दिया है। साथ ही प्रथम अपीलीय अधिकारी हिदायतुल्ला राष्ट्रीय विधि विष्वविद्यालय को कर्तव्य के निर्वहन में शिथिलता बरतने के लिए सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 की धारा 20(2) के तहत स्पष्टीकरण प्राप्त कर अनुशासनात्मक कार्यवाही करने कुलसचिव को निर्देशित किया गया।
अंशुल पाराशर ने हिदायतुल्ला राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय के जनसूचना अधिकारी को आवदेन किया। विश्वविद्यालय में कार्यरत समस्त कर्मचारियों के नियुक्ति तिथि और उन्हे प्राप्त वेतन की आवेदन दिनांक तक जानकारी के साथ ही विश्वविद्यालय में कार्यरत समस्त शिक्षकों की वरिष्ठता सूची की मांग की थी।दस्तावेज प्राप्त नहीं होने से आवदेक ने विधि विश्वविद्यालय कार्यालय में प्रथम अपील प्रस्तुत किया। प्रथम अपीलीय अधिकारी के द्वारा आवेदन को निरस्त किए जाने से क्षुब्ध होकर आवेदक ने जनसूचना अधिकारी और प्रथम अपीलीय अधिकारी के विरूद्व छत्तीसगढ़ राज्य सूचना आयोग में द्वितीय अपील प्रस्तुत किया। छत्तीसगढ़ राज्य आयोग के सूचना आयुक्त ए.के.अग्रवाल ने द्वितीय अपील प्रकरण क्रमांक ए/1316/2016 के आवेदनों का अवलोकन कर कहा अधिनियम के तहत अपीलार्थी को 5 वर्ष के बाद भी जानकारी नहीं प्रदाय करने सूचना का अधिकार अधिनियम के विपरीत है।
इसी प्रकार अंशुल पाराशर ने द्वितीय अपील प्रकरण क्रमांक ए/1317/2016 विश्वविद्यालय में उपयोग किए जा रहे वाहनों के उपयोगकर्ता को आबंटन से संबंधित नोटशीट के साथ ही लाॅगबुक की प्रतिलिपि, द्वितीय अपील प्रकरण क्रमांक ए/1318/2016 में विश्वविद्यालय में 2011 से आवेदन दिनांक तक किराए के वाहन पर खर्च की गई राशि का पूर्ण विवरण सहित जानकारी चाहा था।
छत्तीसगढ़ राज्य आयोग के सूचना आयुक्त ए.के.अग्रवाल ने द्वितीय अपील प्रकरण क्रमांक ए/1317/2016, ए/1318/2016, ए/1319/2016, ए/1320/2016 और ए/1321/2016 के आवेदनों का अवलोकन कर कहा कि अधिनियम के तहत अपीलार्थी और जनसूचना अधिकारी को सुनने के पश्चात अपीलार्थी को 5 वर्ष के बाद भी जानकारी नहीं प्रदाय करना सूचना का अधिकार अधिनियम की धारा के विपरीत है। हिदायतुल्ला राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय के जनसूचना अधिकारी (अनुभाग अधिकारी) संजना धर्मराज को सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 की धारा 20(1) के तहत 10 हजार रूपए का अर्थदण्ड 300 रूपए क्षतिपूर्ति की राषि अधिरोपित करते हुए कुलसचिव हिदायतुल्ला राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय को निर्देषित किया कि अधिरोपित अर्थदण्ड की राशि को दोषी जनसूचना अधिकारी के वेतन से कटौती कर कोष में जमा कराने की कार्यवाही सुनिश्चित किया जाए। इसके अलावा प्रथम अपीलीय अधिकारी हिदायतुल्ला राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय को कर्तव्य के निर्वहन में शिथिलता बरतने के लिए सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 की धारा 20(2) के तहत स्पष्टीकरण प्राप्त कर अनुशासनात्मक कार्यवाही करने कुलसचिव को निर्देशित किया गया।