नक्सल विचारधारा से मुख्यधारा में लौटी लखमी ने सामूहिक विवाह कार्यक्रम में रचाया विवाह

नारायणपुर। कभी नक्सल विचारधारा से जुड़कर जंगलों में घुम-घुम कर क्षेत्र में अशांति और भय का वातावरण तैयार करने वाली लखमी उसेण्डी ने शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं से प्रभावित होकर विकास की मुख्यधारा में शामिल होने और अपना घर बसाने का फैसला लिया। लखमी ने नारायणपुर जिला मुख्यालय के शांतिनगर में राजमिस्त्री का काम करने वाले युवक सुकालूराम गोटा से विवाह कर लिया। इन्होंने विवाह ओरछा विकासखंड के ग्राम बासिंग में जिला प्रशासन द्वारा आयोजित मुख्यमंत्री सामूहिक कन्या विवाह कार्यक्रम में विवाह किया। जहां एक ही मंडप के नीचे बीते 27 फरवरी को 181 जोड़े परिणम सूत्र में बंधे, जिनमें से एक जोड़ा लखमी और सुकालूराम का भी था।

लखमी ने बताया कि वह 2009 से 2012 तक संघम सदस्य थी। उसने पुलिस के आला अधिकारियों के समक्ष आत्म समर्पण किया था। जहां उसे शासन की योजनाओं के तहत् मिलने वाले सभी प्रकार के लाभ दिलाने का भरोसा दिलाया गया था। पुलिस प्रशासन ने अपनी कथनी को करनी में तब्दील करते हुए पहले लखमी को गोपनीय सैनिक के रूप में भर्ती किया। कुछ वर्षों के बाद उसे जिला पुलिस बल में आरक्षक के पद पर नियुक्ति कर दी।शासन की इस नीति से प्रभावित होकर नक्सल विचाराधारा से दिग्भ्रमिक युवक-युवतियों को मुख्यधारा में वापस आने की प्रेरणा मिलेगी।

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