उत्तर प्रदेश में नाम बदलने की सियासत थमती नजर नहीं आ रही है। इस बार मामला समाजवादी पार्टी के सांसद आजम खांं के गढ़ रामपुर से जुड़ा है। इसकी शुरुआत 2004 की तत्कालीन एसपी सरकार से ही हो गई थी। तब आजम खांं ने अपने घर के पास की पार्क सरकारी पैसे से बनवाई, लेकिन नामकरण अपने पिता मुमताज खांं के नाम पर कर दिया। तब भी सियासत हुई थी और इसका विरोध था। योगी सरकार में कई बार इस पार्क का नाम बदले जाने की मांग की गई। आखिरकार इसका नाम बदलकर अब मौलाना अबुल कलाम आजाद पार्क कर दिया गया है। सोमवार को केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी इसका लोकार्पण भी कर देंगे।
इसके लिए मुख्तार अब्बास नकवी रामपुर पहुंच चुके हैं। सब तैयारियां पूरी हो गई हैं। इस मामले पर नकवी ने कहा कि हमारे तमाम स्वतंत्रता सेनानियों ने देश की सेवा में अतुलनीय योगदान दिया है। उनके नाम हमारे देशवासियों के लिए गर्व का विषय हैं। इस पार्क का नाम पहले ही मौलाना अबुल कलाम आजाद के नाम पर कर देना चाहिए था। बता दें कि इस पार्क के अलावा आजम खांं द्वारा बनवाए गए कई गेटों का नाम भी बदल दिया गया है। सोमवार को इनका भी लोकार्पण किया जाएगा। इनमें बाब-ए निजात गेट का नाम कर्नल यूनुस अली खान, बाब ए हयात गेट का मेजर राफे द्वार और बाब ए इल्म का नाम मौलाना अर्शी रखा गया है।
पुराना हिसाब चुकता करेंगे नकवी
पूर्व में तत्कालीन एसपी सरकार ने गांधी प्रतिमा हटा दी थी, वहां अब वापस गांधी समाधि बना दी गई है। केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने 21 साल पहले यह गांधी प्रतिमा लगवाई थी। एसपी शासन काल में गांधी समाधि का सौंदर्यीकरण हुआ तो इसे हटाकर दूसरे स्थान पर लगा दिया गया। अब फिर पहले स्थान पर प्रतिमा लगा दी गई है।