बढ़ा है होटल बंद होने का खतरादिल्ली (Hotel & Restorents) ओनर्स असोसिएशन (DHROA) के चेयरमैन संदीप खंडेलवाल ने कहा कि 15-20 साल से मिल रहे फायर एनओसी (Fire NOC) के नियमों को बदलकर पुरानी बिल्डिंग पर नए कठोर नियम लगाए जा रहे हैं। इससे सीलिंग और होटल बंद होने का खतरा बढ़ गया है, जिससे रोजगार छिनेंगे। नई एनओसी के लिए गेस्ट हाउस (Guest House) वालों को 8 से 10 लाख रुपए खर्च करने पड़ेंगे। बिल्डिंग में तोड़ फोड़ करनी पड़ेगी। कोरोना काल में वैसे ही मार्चे से बिजनेस ठप है। खर्चे निकाल पाना संभव नहीं है, तो नई एनओसी कैसे हासिल कर पाएंगे? दिल्ली सरकार ने पिछले साल फायर कमिटी बनाई थी, जिसका निष्कर्ष अभी तक नहीं निकला है, तब तक एनओसी सस्पेंड करना तर्कसंगत नहीं है। नियम के मुताबिक, 12 मीटर से कम ऊंचाई वाली बिल्डिंग को फायर एनओसी की जरूरत नहीं है, लेकिन 12 से 15 मीटर के बिल्डिंग पर नया नियम थोपा जा रहा है। नई बिल्डिंग में नए नियम को लागू किया जा सकता है, लेकिन पुरानी बिल्डिंग में नए नियम लगाना ठीक नहीं है। दिल्ली सरकार से निवेदन है कि एमसीडी को निर्देश दे कि वे रिजेक्शन नहीं करे। बहुत सारे केस में तो फायर विभाग कोरोना की वजह से बगैर फिजीकल निरीक्षण करे, एनओसी रद्द कर रहा है।
बड़े रोस्टोरेंटों की भी स्थिति ठीक नहीं
उनका कहना है कि यही हाल 90 मीटर से अधिक स्थान पर चलने वाले रेस्टोरेंट्स (Restaurents) का है। उनमें किचन, सर्विंग एरिया, स्टोर, टॉयलेट और ग्राहक के बैठने की जगह बनानी पड़ती है। इतनी कम जगह में 50 आदमी कैसे बैठ सकते हैं। इनमें ग्राहक और रेस्टोरेंट स्टाफ भी शामिल हैं। इनका कहना है कि दिल्ली में ही नियम इतने कड़े हैं। पड़ोसी राज्य हरियाणा में तो 15 मीटर से नीचे के गेस्ट हाउस में एनओसी की जरूरत ही नहीं है। राजस्थान और यूपी में भी इतने कड़े नियम नहीं है।
इसी तरह एनओसी रद्द होगी, तो बिजनेस कैसे चल पाएगा
लवलीन आनंद, प्रेसिडेंट, DHROA ने सरकार से आग्रह किया है कि फायर एनओसी को रद्द करने के बजाए एक्सटेंड किया जाए। फायर एनओसी के नियमों को आसान किया जाए। वैसे ही कोरोना की वजह से कोई दिल्ली में गेस्ट आ नहीं रहे हैं। होटल इंडस्ट्री ठप पड़ी है। अभी पुरानी एनओसी के मुताबिक बेसमेंट में स्प्रिंकलर, फायर अलार्म, सिलेंडर, पानी के लिए होस रील (25-30 मीटर तक पाइप) लगी है। ये पर्याप्त इंतजाम हैं। फायर डिपार्टमेंट के रिजेक्शन के बाद एमसीडी ने भी पिछले हफ्ते ही करोल बाग और पहाड़गंज में 10-15 एनओसी रिजेक्ट की है। सरकार को चाहिए कि अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए होटल-गेस्ट हाउस इंडस्ट्री का सहयोग करे। अगर, इसी तरह एनओसी रद्द होने लगेगी, तो बिजनेस कैसे चल पाएगा? इस संदर्भ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, उपराज्यपाल अनिल बैजल, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, दिल्ली के गृहमंत्री सत्येंद्र जैन समेत कई विभागों को पत्र लिखा है।
दिल्ली में करीब 2,500 होटल-गेस्ट हाउस
राजधानी में करीब 2,500 होटल-गेस्ट हाउस हैं। ये पहाड़गंज, करोलबाग, राजेंद्र नगर, पटेल नगर, आजादपुर, महिपालपुर, साउथ दिल्ली, ईस्ट दिल्ली समेत कई इलाकों में है। यहां लोगों को किफायती दामों में कमरे मिल जाते हैं।