3 और मौतें, 600 बीमार…आंध्र में रहस्यमयी बीमारी के पीछे यह वजह तो नहीं?

हैदराबाद
आंध्र प्रदेश के एलुरु () में फैली रहस्यमयी बीमारी ने सबको सकते में डाल दिया है। मौजूदा लैबोरेट्री डेटा पॉइंट्स के अनुसार सब्जियों और मछलियों के ही इस बीमारी से ग्रस्त मरीजों के सैंपल में जहरीले तत्वों का सोर्स होने का अंदेशा है। वहीं बीमारी से ग्रस्त होने वालों की संख्या 600 को पार कर गई है।

लैबोरेट्री रिपोर्ट्स के वैज्ञानिक विश्लेषण के साथ ही जल और वायु के प्रदूषण के राज्य सरकार की तरफ से जारी आंकड़ों से यह स्पष्ट होता है कि पानी और हवा में भारी तत्वों की मौजूदगी नहीं थी। बॉटलबंद पानी का प्रयोग करने वाले और गांव के लोग भी चपेट में आए। आधिकारिक डेटा कुछ ब्लड सैंपल में निकल और सीसा जैसे भारी तत्वों की मौजूदगी की पुष्टि करता है।

ऐसे में अगर निकल, सीसा या अन्य भारी तत्वों का सोर्स पानी या हवा नहीं है, तो फिर दूषित तत्व मरीज की धमनियों में खाने के जरिए पहुंचा होगा। ऐसा रिसर्चर्स का मानना है। सब्जियों (खासतौर पर पत्ते वाली) और मछलियों में भारी तत्व और कीटनाशक, Bioaccumulation की प्रक्रिया के जरिए आता है। रिसर्च स्टडी में फलों और सब्जियों में भारी तत्वों और कीटनाशकों की मौजूदगी का खुलासा भी हुआ है।

इसी तरह रिसर्चर्स का यह भी मानना है कि कृष्णा और गोदावरी नदियों की मछलियों में भी भारी तत्व और कीटनाशकों की मौजूदगी मिली है। सरकारी स्टेटमेंट के अनुसार मरीजों को ऐडमिट करने के बाद खून में सीसे के स्तर में कमी देखी जा रही है। इसलिए इसे क्रोनिक की बजाय एक्यूट एक्सजोपर मतलब कि एक बार का उभार ही माना जा रहा है।

अब तक 611 लोगों में इस बीमारी के संक्रमण की पुष्टि हो चुकी है। चार दिन पहले एक संक्रमित व्यक्ति की मौत हुई थी। वहीं दो और संक्रमित लोगों की मौत हो गई। हालांकि प्रशासन ने इन मौतों को रहस्यमयी बीमारी की वजह से नहीं करार दिया है। ऐसा कहा गया कि मृतकों में से एक टीबी और दूसरा कोविड से ग्रस्त था।

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