चीन-रूस से निपटने के लिए 'अदृश्य हथियार' बना रहा अमेरिका, रडार को देगा चकमा

अमेरिकी एयरफोर्स ने एशिया और यूरोप में बढ़ते सैन्य टकराव के बीच घातक स्टील्थ ड्रोन को बनाने का काम शुरू कर दिया है। ऑर्टिफिशिल इंटेलिजेंस (एआई) से लैस ये नई तकनीकी वाले ड्रोन दुश्मन की रडार की पकड़ में आए बिना हमला करने और खुफिया जानकारी जुटाने के काम आएंगे। पहले हुए हवाई युद्धाभ्यास के दौरान भी एआई तकनीकी से लैस ड्रोन्स ने साबित किया है वे इंसानों से बेहतर प्रदर्शन कर सकते हैं। बड़ी बात यह है कि अन्य ड्रोन्स की तरह इनको उड़ान के दौरान कोई भी इंसान ऑपरेट नहीं करेगा।

US Air Force Skyborg Drone: अमेरिकी सेना ने एशिया और यूरोप में बढ़ते सैन्य टकराव के बीच घातक स्टील्थ ड्रोन को बनाने का काम शुरू कर दिया है। ऑर्टिफिशिल इंटेलिजेंस (एआई) से लैस ये नई तकनीकी वाले ड्रोन दुश्मन की रडार की पकड़ में आए बिना हमला करने और खुफिया जानकारी जुटाने के काम आएंगे।

चीन-रूस से निपटने के लिए 'अदृश्य हथियार' बना रहा अमेरिका, रडार को देगा चकमा

अमेरिकी एयरफोर्स ने एशिया और यूरोप में बढ़ते सैन्य टकराव के बीच घातक स्टील्थ ड्रोन को बनाने का काम शुरू कर दिया है। ऑर्टिफिशिल इंटेलिजेंस (एआई) से लैस ये नई तकनीकी वाले ड्रोन दुश्मन की रडार की पकड़ में आए बिना हमला करने और खुफिया जानकारी जुटाने के काम आएंगे। पहले हुए हवाई युद्धाभ्यास के दौरान भी एआई तकनीकी से लैस ड्रोन्स ने साबित किया है वे इंसानों से बेहतर प्रदर्शन कर सकते हैं। बड़ी बात यह है कि अन्य ड्रोन्स की तरह इनको उड़ान के दौरान कोई भी इंसान ऑपरेट नहीं करेगा।

एयरफोर्स ने तीन फर्म को सौंपा प्रोटोटाइप बनाने का ठेका
एयरफोर्स ने तीन फर्म को सौंपा प्रोटोटाइप बनाने का ठेका

यूएस एयरफोर्स लाइफ मैनेजमेंट सेंटर (AFLMC) 2021 की गर्मियों में एक और परीक्षण के लिए प्रोटोटाइप बनाने के लिए तीन फर्मों को ठेका सौंपा है। सोमवार को अमेरिकी वायु सेना ने घोषणा की कि उसने मई 2021 तक मिशनाइज्ड प्रोटोटाइप के निर्माण के लिए तीन प्राइवेट फर्मों के साथ साझेदारी की है। इसके तहत अमेरिकी डिफेंस कंपनी बोइंग को 25.7 मिलियन डॉलर, जनरल एटॉमिक्स को 14.3 मिलियन डॉलर और क्रैटोस अनमैन्ड एरियल सिस्टम को 37.8 मिलियन डॉलर की राशि दी गई है।

अमेरिका के स्काईबर्ग वेनगार्ड प्रोग्राम का होंगे हिस्सा
अमेरिका के स्काईबर्ग वेनगार्ड प्रोग्राम का होंगे हिस्सा

इन तीनों कंपनियों के ड्रोन में ऑर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीकी होने के कारण इंसानों के ऑपरेट करने की जरूरत नहीं होगी। ये ड्रोन अमेरिका के स्काईबर्ग वेनगार्ड प्रोग्राम का हिस्सा होंगे। इस प्रोग्राम के तहत ये ड्रोन युद्धकाल में इंसानी पायलटों को हवा में मजबूती प्रदान करेंगे। इनकी सहायता से अमेरिका अपने दुश्मनों पर भारी पड़ेगा। ये हवा में दुश्मन के किसी भी खतरे से निपटने में सक्षम होंगे। इससे अमेरिकी पायलटों के कीमती जान की भी रक्षा होगी।

शक्तिशाली और स्टील्थ है क्रेटोस का यह ड्रोन
शक्तिशाली और स्टील्थ है क्रेटोस का यह ड्रोन

जिन तीनों फर्म को अमेरिकी वायुसेना ने ड्रोन बनाने का ठेका दिया है, उन्हें इस क्षेत्र में व्यापक अनुभव है। क्रेटोस ने पहले ही XQ-58 Valkyrie ड्रोन को इस प्रोग्राम के शुरूआती चरण के लिए बनाया था। यह स्टील्थ ड्रोन देखने में अमेरिका के एफ-35 और एफ-22 की तरह है। माना जा रहा है कि भविष्य के युद्धों में अमेरिका इसका प्रयोग भी कर सकता है।

बोईंग ने ऑस्ट्रेलिया के लिए बनाया है स्टील्थ ड्रोन
बोईंग ने ऑस्ट्रेलिया के लिए बनाया है स्टील्थ ड्रोन

बोइंग ने भी ऑस्ट्रेलियाई सेना के लिए इस साल के शुरू में अपने पहले मॉडल को रोल आउट किया था। स्टील्थ तकनीकी से लैस इस ड्रोन का नाम बोइंग एयरपावर ट्रिमिंग सिस्टम या बोइंग लायल विंगमैन प्रोजक्ट रखा गया है। ऑर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से लैस यह ड्रोन खुद के दम पर किसी भी मिशन को अंजाम दे सकता है।

एमक्यू-9 रीपर बनाने वाली जीई कंपनी भी पीछे नहीं
एमक्यू-9 रीपर बनाने वाली जीई कंपनी भी पीछे नहीं

जनरल एटॉमिक्स ने भी हाल ही में अपने प्रयोगात्मक एवेंजर यूएवी की घोषणा की थी। इस ड्रोन को एमक्यू-9 रीपर ड्रोन की जगह बनाया गया है। बता दें कि एमक्यू-9 रीपर ड्रोन की ताकत को दुनिया ने अफगानिस्तान, सीरिया, ईराक और लीबिया के युद्ध में देखा है। जहां इसने अपने दुश्मनों की कमर तोड़कर रख दी थी। भारत भी इस ड्रोन को खरीदने की तैयारी में है। एक नए सॉफ्टवेयर अपग्रेड के साथ जीई का एवेंजर यूएवी एयर-टू-एयर कॉम्बैट ड्रिल्स में अपनी ताकत दिखा चुका है।

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