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उत्तराखंड समान नागरिक संहिता : एक बहुसंख्यकवादी संहिता – न समान, न सिविल

आलेख : बृंदा करात, अनुवाद : संजय पराते उत्तराखंड विधानसभा द्वारा मंजूर की गई उत्तराखंड समान नागरिक संहिता इस बात का एक अच्छा [...]

न्याय संहिता के अन्याय को परिवहन मजदूरों की चुनौती

आलेख : राजेंद्र शर्मा (लेखक वरिष्ठ पत्रकार और साप्ताहिक ‘लोकलहर’ के संपादक हैं।) मोदी सरकार द्वारा हाल में पारित कराए गए कथित ‘‘नये’’ [...]

क्या वाकई लोकप्रियतावाद के रास्ते पर बढ़ रही है भाजपा?

आलेख : राजेंद्र शर्मा विधानसभाई चुनाव के मौजूदा चक्र में पांच में से तीन राज्यों — मिजोरम, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश — मेें [...]

युद्ध और शांति दोनों की चाह एक साथ — विश्व गुरु हो तो ऐसा!

व्यंग्य : राजेंद्र शर्मा भई इसे कहते हैं विश्व गुरु वाला दांव। एक साथ दो नावों पर सवारी। बेशक, मुश्किल काम है। बल्कि [...]