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शकुनि के पांसों से खेलने की कमल (नाथ) छाप चतुराई

आलेख : बादल सरोज दो चुनाव पूर्व सर्वे में धमाकेदार पूर्वानुमान, शिवराज सिंह की जाहिर उजागर हड़बड़ी और बौखलाहट, भाजपा में असंतोष की [...]

कार्ल मार्क्स : सिर्फ आस्था और अंधश्रद्धा या विज्ञान प्रमाणित प्रासंगिकता?

(मार्क्स जयंती पर विशेष आलेख : बादल सरोज) 5 मई 2023 को मार्क्स 205 वीं सालगिरह है। 1848 में एंगेल्स के साथ मिलकर [...]

वन संरक्षण कानून में संशोधन विधेयक: उदारीकरण और केंद्रीकरण की दिशा में आदिवासियों पर एक और हमला

(आलेख : बृंदा करात, अंग्रेजी से अनुवाद : संजय पराते) भले ही सत्तारूढ़ पार्टी ने संसद में विपक्षी दलों के किसी भी हस्तक्षेप [...]

देखो ए दीवानों तुम ये काम ना करो, राम का नाम बदनाम ना करो!

व्यंग्य : राजेंद्र शर्मा देखी, देखी, छद्म सेकुलरवालों की चालबाजी देखी! रामनवमी गुजरी नहीं कि आ गए एक बार फिर रामभक्तों को गुमराह [...]

कैसे मजबूत होगा आमजन? (आलेख : राजेंद्र शर्मा)

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जब सरकार में शीर्ष स्तर से ‘मुफ्त की रबड़ी बनाम उत्पादक खर्च’ की बहस छेड़ी थी‚ तभी अनेक टिप्पणीकारों [...]