पाकिस्तान: भीड़ ने ढहाया मंदिर, सुप्रीम कोर्ट ने लिया स्वत: संज्ञान, 5 जनवरी को सुनवाई

इस्लामाबाद
पाकिस्तान के चीफ जस्टिस गुलजार अहमद ने गुरुवार शाम भीड़ के हाथों एक हिंदू मंदिर ढहाए जाने की घटना का स्वत: संज्ञान लिया है। खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के स्थानीय मौलवीयों की अगुवाई में भीड़ ने इस मंदिर को गिरा दिया था। अदालत इस मामले में सुनवाई 5 जनवरी को करेगी। चीफ जस्टिस अहमद ने अल्पसंख्यक अधिकार आयोग के चेयरमैन, पुलिस चीफ और प्रांत के चीफ सेक्रटरी को 4 जनवरी तक रिपोर्ट जमा करने का निर्देश दिया है।

14 लोग गिरफ्तार
कोर्ट ने नोटिफिकेशन जारी करते हुए बताया है कि पाकिस्तान में हिंदू काउंसिल के पेट्रन-इन-चीफ रमेश कुमार से मुलाकात के बाद घटना का संज्ञान लिया है। कुमार का कहना है, ‘मैं न्यायपालिका में भरोसा करता हूं कि मामले में न्याय किया जाएगा।’ वहीं, पुलिस ने छापेमारी कर 14 लोगों को गिरफ्तार कर लिया और दावा किया है और भी गिरफ्तारियां करने के लिए छापेमारी की जा रही है।

राजनीतिक समर्थक भी
पुलिस ऐसे लोगों की तलाश की जा रही है जो घटना में शामिल थे, या जिन्होंने भीड़ को उकसाने का काम किया। मंदिर पर बुधवार को हमला कर दिया गया था जबकि हिंदू समुदाय ने इमारत की मरम्मत के लिए स्थानीय प्रशासन से इजाजत ली थी। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक मौलानाओं के नेतृत्व में भीड़ बलपूर्वक मंदिर में दाखिल हुई। साथ में एक राजनीतिक दल के समर्थक भी शामिल थे। वे मरम्मत का काम रोकने की कोशिश कर रहे थे।

इमारत में आग लगाई गई और निर्माणकार्य के लिए रखे औजारों से ही उसे क्षतिग्रस्त भी किया गया। श्री परमहंस जी महाराज जी की इस समाधि को हिंदू श्रद्धालुओं के बीच काफी पावन माना जाता है और यहां बड़ी संख्या में लोग दर्शन को पहुंचते हैं। इससे पहले 1997 में भी यहां पर हमला किया जा चुका है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *