नए कृषि कानून के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन लगातार उग्र होता जा रहा है। सरकार के साथ किसानों की बातचीत में भी अब तक इसका कोई निष्कर्ष नहीं निकल सका है। उधर, सात जिलों के तकरीबन 1000 गांवों से 1500 वाहन प्रदर्शन वाली जगह पर पहुंचने वाले हैं। इन गाड़ियों में 1300 ट्रैक्टर ट्रॉलियां शामिल हैं। प्रदर्शनकारियों का यह काफिला इस सप्ताह के अंत तक पंजाब से दिल्ली बॉर्डर पर पहुंच सकता है। इस बात की जानकारी किसान मजदूर संघर्ष समिति की ओर से दी गई है। इसी संगठन ने सितंबर के अंत में केंद्र के नए कृषि कानून के खिलाफ राज्य में रेल रोको के रूप में एक व्यापक प्रदर्शन का आयोजन किया था।
किसान मजदूर संघर्ष समिति की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक, प्रदर्शन स्थल पर पहुंचने वाले ये लोग पहले से आंदोलन में शामिल उन लोगों की जगह लेंगे जो दो हफ्ते पूर्व यहां पहुंच गए थे। सतनाम सिंह पन्नू ने कहा, ‘दिल्ली की सीमाओं पर पहले से बड़ी संख्या में लोग मौजूद हैं। ऐसे में हमें कोई रास्ता निकालना होगा। यदि हमें जगह नहीं मिलती है तो हम उसी जगह रुक जाएंगे जहां हम ठहर सकते हैं। इन सबके इतर हमारे पास पहले से कुंडली पर मंच मौजूद है। जो लोग काफी पहले से प्रदर्शन में शामिल हैं उनमें से जो लोग घर लौटेंगे, उनकी जगह दूसरे लोगों को दी जाएगी।’
‘…ताकि हाइवे में किसी को परेशानी न हो’किसान मजदूर संघर्ष समिति की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक, प्रदर्शन स्थल पर पहुंचने वाले ये लोग पहले से आंदोलन में शामिल उन लोगों की जगह लेंगे जो दो हफ्ते पूर्व यहां पहुंच गए थे। सतनाम सिंह पन्नू ने कहा, ‘दिल्ली की सीमाओं पर पहले से बड़ी संख्या में लोग मौजूद हैं। ऐसे में हमें कोई रास्ता निकालना होगा। यदि हमें जगह नहीं मिलती है तो हम उसी जगह रुक जाएंगे जहां हम ठहर सकते हैं। इन सबके इतर हमारे पास पहले से कुंडली पर मंच मौजूद है। जो लोग काफी पहले से प्रदर्शन में शामिल हैं उनमें से जो लोग घर लौटेंगे, उनकी जगह दूसरे लोगों को दी जाएगी।’